शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
महादेव भाई की लेखन प्रतिभा अद्वितीय थी। उनके समान शुद्ध ओर सुंदर अक्षर लिखने वाला कहीं खोजने पर भी नहीं मिलता था। अन्य लोगों के लिखे लेखों में चाहे कमियाँ या खामियाँ मिल जाएँ किन्तु महादेव की डायरी में या नोट में क्या मजाल कि कहीं कौमा या मात्रा की गलती मिल जाए। गाँधी जी अन्य लेखकों से कहते थे कि महादेव के लिखे नोट के साथ मिलान कर लेना। और लोग दाँतों तले अंगली दबाकर रह जाते थे।
Sponsor Area
Sponsor Area
Sponsor Area