शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
महादेव भाई देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र में गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। इन्होंने टैगोर, शरतचन्द्र आदि के साहित्य का अध्ययन करना शुरू कर दिया था। महादेव जी की साहित्यिक देन यह थी कि उन्होंने गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ का अंग्रेजी अनुवाद किया था। वे प्रतिदिन डायरी लिखते थे। उनकी डायरी और अनगिनत अभ्यास पुस्तकें आज भी मौजूद हैं।
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