शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
गांधीजी ने ‘यंग इंडिया’ प्रकाशित करने के विषय में यह निश्चय किया कि वह इस साप्ताहिक पत्र को हफ्ते में केवल दो बार प्रकाशित करेंगे, क्योंकि सत्याग्रह आन्दोलन में लीन रहने के कारण गांधीजी का काम बहुत बढ़ गया था।
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