तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी

Question

निम्नलिखित वाक्य सरंचनाओं में ‘तुम’ के प्रयोग पर ध्यान दीजिए-
(क) लॉण्ड्री पर दिए कपड़े धुलकर आ गए और तुम यहीं हो।
(ख) तुम्हें देखकर फूट पड़ने वाली मुस्कुराहट धीरे-धीरे फीकी पड़कर अब लुप्त हो गई है।
(ग) तुम्हारे भरकम शरीर से सलवटें पड़ी चादर बदली जा चुकी।
(घ) कल से मैं उपन्यास पढ़ रहा हूँ और तुम फिल्मी पत्रिका के पन्ने पलट रहे हो।
(ङ) भावनाएँ गालियों का स्वरूप ग्रहण कर रही हैं, पर तुम जा नहीं रहे।

Answer

छात्रों के स्वयं के लिए!

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Some More Questions From तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी Chapter

 पति-पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया?

दोपहर के भोजन को कौन-सी गरिमा प्रदान की गई?

तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?

सत्कार की उष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
 अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआाँ काँप गया।

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े।

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
एक देवता और एक मनुष्य अधिक देर साथ नहीं रहते।