तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी

Question

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
मेरी सहनशीलता की वह अंतिम सुबह होगी।

Answer

अतिथि यदि एक दो दिन के लिए ठहरे तो उसका आदर सत्कार होता है। परन्तु जब अधिक दिन ठहरे तो सहनशीलता की सीमा टूट जाती है। उससे अधिक उस अतिथि को झेलने की क्षमता उसमें समाप्त हो जाती है। उसे ‘गेट आउट’ कहने का मन करता है। आतिथ्य-सत्कार में भी अंतर आ जाता है। अतिथि अपने देवत्व को खोकर राक्षसत्व का बोध कराता है।

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Some More Questions From तुम कब आओगे अतिथि - शरद जोशी Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
अतिथि कितने दिनों से लेखक के घर पर रह रहा है?

कैलेंडर की तारीखें किस तरह फड़फड़ा रही है?

 पति-पत्नी ने मेहमान का स्वागत कैसे किया?

दोपहर के भोजन को कौन-सी गरिमा प्रदान की गई?

तीसरे दिन सुबह अतिथि ने क्या कहा?

सत्कार की उष्मा समाप्त होने पर क्या हुआ?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक अतिथि को कैसी विदाई देना चाहता था?

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
 अंदर ही अंदर कहीं मेरा बटुआाँ काँप गया।

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
अतिथि सदैव देवता नहीं होता, वह मानव और थोड़े अंशों में राक्षस भी हो सकता है।

(क) निन्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए:
लोग दूसरे के होम की स्वीटनेस को काटने न दौड़े।