दोहे - रहीम

Question

निम्नलिखित दोहों को पढ़कर उनका आशय स्पष्ट कीजिये:
रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपति सहाय।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाया ।। 


Answer

रहीम जी कहते हैं कि अपनी सम्पत्ति के अलावा मुसीबत में कोई सहायक सिद्ध नहीं होता। अर्थात् संकट के समय अपना ही धन काम आता है। जैसे पानी के बिना कमल को सूर्य भी नहीं बचा सकता। यद्यपि सूर्य कमल, का पोषण करता है पर यदि पानी नहीं होता तो कमल सूख जाता है। उसी प्रकार मनुष्य को बाहरी सहायता कितनी ही क्यों न मिले, किन्तु उसकी वास्तविक रक्षक निजी संपत्ति होती है।

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