भगवान के डाकिए

Question

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
हम तो केवल यह आँकते हैं
कि एक देश की धरती
दूसरे देश को सुगंध भेजती है।
और वह सौरभ हवा में तैरते हुए
पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।
और एक देश का भाप
दूसरे देश में पानी
बनकर गिरता है।

इन पंक्तियों का संदेश क्या है?
  • लोगों को सदा आगे बढ़ते रहना चाहिए।
  • मानव जाति को सीमाओं में न बँधकर एकता का संदेश विश्व में फैलाना चाहिए।
  • नए साधनों को अपनाना चाहिए।
  • अंतर्मन की आवाज सुननी चाहिए।

Answer

B.

मानव जाति को सीमाओं में न बँधकर एकता का संदेश विश्व में फैलाना चाहिए।

Sponsor Area

Some More Questions From भगवान के डाकिए Chapter

पक्षी और बादल की चिट्टियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?

डाकिया, इंटरनेट के वर्ल्ड वाइड वेब (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू www.) तथा पक्षी और बादल-इन तीनों संवादवाहकों के विषय में अपनी कल्पना से एक लेख तैयार कीजिए। “चट्टियों की अनूठी दुनिया” पाठ का सहयोग ले सकते हैं।

भगवान के डाकिए कौन हैं?

‘भगवान के डाकिए’ कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।

‘भगवान के डाकिए’ कविता से क्या संदेश मिलता है? 

कवि ने भगवान के डाकिए किन्हें कहा है?

इस कविता द्वारा क्या संदेश दिया गया है?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।
कवि ने डाकिए किन्हें कहा है?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।

‘बादल व पक्षी’ क्यों डाकिए कहलाते हैं?

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पक्षी और बादल,
ये भगवान के डाकिए हैं,
जो एक महादेश से
दूसरे महादेश को जाते हैं।
हम तो समझ नहीं पाते हैं
मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ
पेड़, पौधे, पानी और पहाड़
बाँचते हैं।

इनके संदेश कौन पढ़ने में सक्षम होते हैं?