निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
भारतमाता
ग्राम-वासिनी!
खेतों में फैला है श्यामल
धूल भरा मैला-सा अंचल
गंगा-यमुना में आँसू-जल
मिट्टी की प्रतिमा
उदासिनी!
दैन्य-जड़ित, अपलक नत चितवन,
अधरों में चिर नीरव रोदन,
युग-युग के तम से, विषण्ण मन,
वह अपने घर में
प्रवासिनी!
तीस कोटि सन्तान नग्न तन
अर्ध-क्षुधित, शोषित, निरस्त्र जन
मूढ़, असभ्य, अशिक्षित, निर्धन,
नत मस्तक; तरु-तल
निवासिनी!
(क) भारतमाता को ग्राम-वासिनी क्यों कहा गया है?
(ख) काव्यांश में प्रवासिनी किसके लिए आया है और क्यों?
(ग) भारतमाता की संतान के बारे में कवि ने क्या कहा है?
(घ) काव्यांश का केंद्रीय भाव लिखिए।
(ख) भारतमाता के लिए प्रवासिनी कहा गया है। अपने ही देश में वह अंग्रेज़ों द्वारा प्रताड़ित हो रही है और परतंत्रता की वेदना को झेल रही है। अतः उसे प्रवासिनी कहा गया है।
(ग) भारतमाता की संतानें नग्न शरीर, भूख से व्याकुल, सताए हुए, बिना अस्त्रों के, मूर्ख, असभ्य, अक्षिक्षित, निर्धन और सम्मान रहित हैं।
(घ) काव्यांश का केन्द्रीय भाव गुलाम भारत में भारत तथा भारतीयों की दयनीय दशा का वर्णन है।