1857 की बग़ावत के फलस्वरूप अंग्रेज़ों ने अपनी नीतियाँ किस तरह बदलीं?
(i) भारतीय मामलों के अधिक जिम्मेदार प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए ईस्ट इंडिया कंपनी की शक्तियों को ब्रिटिश क्राउन में स्थानांतरित किया गया था। भारत के गवर्नर-जनरल को वायसराय का नाम दिया गया था, जो कि क्राउन का एक व्यक्तिगत प्रतिनिधि है।
(ii) देश के सभी शासकों को भरोसा दिया गया कि भविष्य में कभी भी उनके भूक्षेत्र पर कब्ज़ा नहीं किया जाएगा। उन्हें अपनी रियासत अपने वंशजों, यहाँ तक कि दत्तक पुत्रों को सौंपने कि छूट दे दी गईं। लेकिन उन्हें इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि वे ब्रिटैन की रानी को अपना अधिपति स्वीकार करें।
(iii) सेना में भारतीय सिपाहियों का अनुपात कम करने और यूरोपीय सिपाहियों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया गया। यह भी तय किया गया कि अवध, बिहार, मध्य भारत और दक्षिण भारत ने सिपाहियों को भर्ती करने की बजाय अब गोरखा, सिखों और पठानों में से ज़्यादा सिपाही भर्ती किए जाएँगे।
(iv) अंग्रेज़ों ने फ़ैसला किया कि वे भारत का लोगों के धर्म और सामाजिक रीती- रिवाजों के सम्मान करेंगे।
(v) भूस्वामियों और ज़मींदारों की रक्षा करने तथा ज़मीन पर उनके आधिकारों को स्थायित्व देने के लिए नीतियाँ बनाई गईं।