सिपाहियों को नए कारतूसों पर क्यों ऐतराज़ था?
बंदूक में कारतूस लगाने के लिए उसके ऊपर लगी एक पट्टी को दाँत से काटना पड़ता था। ऐसी खबर थी कि उस पट्टी को बनाने में गाए और सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। ऐसी चीजों के उपयोग से हिन्दू एवं मुसलमान सिपाहियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती थी। अत: उन्हें कारतूसों पर ऐतराज़ था।