महालवारी व्यवस्था स्थायी बंदोबस्त के मुकाबले कैसे अलग थी?
एक तरफ जहाँ स्थायी व्यवस्था बंदोबस्त में व्यक्ति विशेष की ज़मीन की मात्रा एवं गुणवत्ता के आधार पर राजस्व का निर्धारण किया जाता था, वहीं दूसरी तरफ महालवारी व्यवस्था में राजस्व का भुगतान पुरे गाँव, जिससे महाल कहा जाता था, के द्वारा किया जाना था।
स्थायी बंदोबस्त में भू - राजस्व निश्चित कर दिया गया था जिसकी भविष्य में भी वृद्धि के कोई प्रावधान नहीं था, जबकि महालवारी व्यवस्था में एक खास अन्तराल के बाद भू- राजस्व के पुनःमूल्यांकन किया जाना था।