वन और वन्य जीव संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों पर एक निबंध लिखिएl
भारत में वनों और वन्य जीवन का संरक्षण:
(i) वन और वन्य जीवों की निरंतर घटती संख्या के कारण उनका संरक्षण आवश्यक हो गया है।संरक्षण परिस्थितिक विभिन्नता और जीवनयापन तंत्र को सुरक्षित रखता है। यह पौधों और जानवरों की विविधता को सुरक्षित रखता है, जिससे अच्छी नस्ल उत्पन्न होती है। उदाहरण के लिए कृषि में हम अभी भी पारंपारिक फसल प्रकारों पर निर्भर है। मछली भी जल संबंधी जैव विभिन्नता पर निर्भर करती है।
(ii) 1960 और 1970 के दशकों में कुछ विद्वानों ने राष्ट्रीय वन जीवन संरक्षण कार्यक्रम की मांग की। 1972 में भारतीय वन्य जीवन कानून विभिन्न प्रस्तावों के साथ लागू किया गया। संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण कार्यक्रम में शिकार पर रोक उनके आवासों को कानूनी संरक्षण तथा वन्य जीवों के व्यापार पर रोक लगा कर इस लागू किया गया। इसके परिणाम स्वरूप केंद्र तथा राज्य सरकारों ने राष्ट्रीय उत्थान तथा वन्य जीव अभ्यारण्यों की स्थापना की।
(iii) केंद्र सरकार ने विशेष जानवरों की रक्षा हेतु कई योजनाएं बनाई जिसमें गंभीर रुप से संकटापन्न जानवर जैसे शेर, समुद्री मगर, घड़ियाल, कश्मीरी हिरण, हाथी, शामिल है। अभी हाल ही में भारतीय हाथी, सफेद भालू और चिंकारा आदि के लिए विशेष संरक्षण प्रदान कर संपूर्ण भारत में इनका शिकार और व्यापार करने पर रोक लगा दी गई।
(iv) संरक्षण परियोजनाएँ किसी एक अंक की अपेक्षा जैव विविधता पर अधिक बल दे रही है। अन्य संरक्षण के उपायों पर गहन खोज की जा रही है। यहाँ तक कि कीड़ों को भी संरक्षण योजना में शामिल किया गया है। 1980 और 1986 के वन्यजीव कानून में कई प्रकार की तितलिया, पतंगे आदि संरक्षण प्रजातियों की सूची में है जिसमे पौधों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
(v) भारत में बहुत से प्राचीन रीति-रिवाज वन और वन्य जीव संरक्षण में लाभदायक सिद्ध हुए हैंl प्रकृति की पूजा सदियों पुराना जनजातीय विश्वास हैl जिसका आधार प्रकृति के हर रूप की रक्षा करना हैl इन्ही विश्वासों ने विभिन्न वनों को मूल एवं कौमार्य रुप से बचा कर रखा हैl जिन्हें पवित्र पेड़ों के झुरमुट (देवी देवताओं के वन) कहते हैंl कुछ समाज विशेष पेड़ों की पूजा करते हैं और आदिकाल से उनका संरक्षण करते आ रहे हैंl छोटा नागपुर क्षेत्र में मुंडा और संस्थान जनजातियां महुआ और कदंब के पेड़ों की पूजा करते हैंl उड़ीसा और बिहार की जनजातियां शादी के दौरान इमली और आम के पेड़ की पूजा करते हैंl बहुत से व्यक्ति पीपल और वट वृक्ष को पवित्र मानते हैंl



