विस्तारपूर्वक बताएँ की मानव क्रियाएँ किस प्रकार प्राकृतिक वनस्पतिजात और प्राणीजात के ह्यस के कारक है?
(i) रेल मार्ग, व्यापारिक मार्ग और वैज्ञानिक वानिकी तथा खनन क्रियाओ के विस्तार के कारण सबसे अधिक नुकसान उपनिवेश के समय में वनो को हुआ।
(ii) एक और प्रमुख कारण स्वतंत्रता के बाद कृषि का अंधाधुंध विकास रहा। सर्वेक्षण के अनुसार 1951 और 1980 के बीच भारत में 26200 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कृषि में मिलाया गया।
(iii) आदिवासी क्षेत्र का कुछ हिस्सा स्थानांतरित कृषि के कारण निर्वनीकरण हो गया।
(iv) 1951 से विकास योजना से भी वनों की हानि हुई। 5000 किलोमीटर से अधिक क्षेत्र नदी घाटी परियोजनाओं के लिए साफ किए गए जो अभी भी ज़ारी है।
(v) नवीनीकरण के प्रमुख कारक खनन आदि कार्य है। पश्चिम बंगाल में बुक्का टाइगर प्रोजेक्ट को डोलोमाइट की खानों से खतरा है।
(vi) खनन से कई प्रवासी प्रजातियों का मार्ग भी रुक गया।
(v) कुछ पर्यावरण शास्त्रियों का यह मानना है कि वनों की सबसे अधिक क्षति के कारण अति चराई और ईंधन के लिए लकड़ी एकत्र करना है।
(vi) आवास विनाश, शिकार, पर्यावरण प्रदूषण, वर्षा जल की आग भी प्रमुख कारक है जो भारत की जैव विविधता को नष्ट करते हैं।
(vii) असमान पहुँच संसाधनों का असमान उपभोग भी इसी का एक प्रमुख कारण है।