लिंग हार्मोन क्या हैं? उनका नामकरण इस प्रकार क्यों किया गया? उनके प्रकार्य बताइए।
हमारे शरीर में अंत:स्रावित ग्रंथियाँ, वृषण एवं अंडाशय लैंगिक हार्मोन स्रावित करते हैं। यह हार्मोन गौण लैंगिक लक्षणों के लिए उत्तरदायी हैं, जो लड़कों को लड़कियों से अलग पहचानने में सहयता करते हैं। जैसे युवैस्था में लड़कियों में स्तनों का विकास होता है तथा लड़कों के चेहरे पर बल उगने लगते है अर्थात दाढ़ी-मूँछ आने लगती है। इसलिए इन्हे लिंग हार्मोन कहते हैं। ये भी पियूष ग्रंथि द्वारा स्रावित हार्मोन के नियंत्रण में हैं।
प्रकार्य- लिंग हार्मोन रासायनिक पदार्थ हैं। अंत:स्त्रावी ग्रंथियों या अंत:स्त्रावी तंत्र द्वारा स्रावित किए जाते हैं। यौवनारम्भ के साथ ही वृषण पौरुष हार्मोन या टेस्टोस्टेरॉन का स्त्रवण प्रारंभ कर देता है। यह लड़कों में परिवर्तनों का कारक है। उदाहरण के लिए, चेहरे पर बालों का आना। लड़कियों में यौवनारम्भ के साथ ही अंडाशय स्त्री हार्मोन या दुर्गधग्रन्थियाँ भी उनमें विकसित होती हैं। इन हार्मोनों के उत्पादन का नियंत्रण एक अन्य हार्मोन द्वारा किया जाता है, जो पियूष ग्रंथि या पिटयूटरी ग्रंथि द्वारा किया जाता है।