ऋतुस्त्राव क्या है? वर्णन कीजिए।
स्त्रियों में यौवनारम्भ 10 से 12 वर्ष की आयु में आरम्भ हो जाता हैं। यौवनारम्भ पर स्त्रियों में अंडाणु परिपक़्व होने लगता है। अंडाशयों में एक अंडाणु परिपक़्व होता है तथा 28 से 30 दिनों के अंतराल पर किसी गर्भाशय की दीवार मोती हो जाती है जिससे वह अंडाणु के निषेचन के पश्चात युग्मनज को ग्रहण कर सके। जिसके फलस्वरूप गर्भधारण होता है। अगर अंडाणु का निषेचन नहीं हो पता तब उस स्थिति में अंडाणु तथा गर्भाश्य का मोटा स्तर उसकी रुधिर वाहिकाओं सहित निस्तारित हो जाता है। इससे स्त्रियों में रक्तस्त्राव होता है जिसे ऋतुस्त्राव या रजोधर्म भी कहते है। ऋतुस्त्राव 28 से 30 दिनों में एक बार होता है। यह लगभग 40 से 50 वर्ष की आयु तक चलता है।