हमारी सुविधा के लिए पवनों तथा जल ऊर्जा के पारंपरिक उपयोग में किस प्रकार के सुधार किए गए हैं?
हमारी सुविधा के लिए पवनों तथा जल ऊर्जा के पारंपरिक उपयोग में तकनीकी रूप से सुधार किए गए हैं।
पवन ऊर्जा: विद्युत् उत्पन्न करने के लिए उन स्थानों में पवन ऊर्जा फार्म का निर्माण किया जाता है जहाँ वायु की गति 15Km प्रति घंटा से ज्यादा होती है। वायु की गतिज ऊर्जा पवन चक्की की घूर्णन गति में परिवर्तित होती है और विद्युत् मोटर के टरबाइन को घुमाती है और ऐसे करके विद्युत् का उत्पादन होता है।
जल ऊर्जा: जल वैद्युत संयत्रों को बांधों से जोड़ा गया है जिसमें नदियों के बहाव को रोककर बड़ी झीलों में जल इकठ्ठा किया जाता है जिसमें ऊंचाई से गिरते जल की गतिज ऊर्जा स्थितिज ऊर्जा में परिवर्तित होता है। गिरता जल टरबाइन के ब्लेडों पर गिरता है और उन्हें घूमता है जिससे विद्युत् का उत्पादन किया जा सके।



