महासागरों से प्राप्त हो सकने वाली ऊर्जाओं की क्या सीमाएँ हैं?
महासागरों में तीन विधियों द्वारा अपार ऊर्जा प्राप्त की जा सकती हैं- ज्वारीय ऊर्जा, तरंग ऊर्जा और तापीय ऊर्जा। पर इन सभी की अपनी-अपनी सीमाएँ हैं।
ज्वारीय ऊर्जा: ज्वारीय ऊर्जा का उत्पादन किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध बनाकर किया जाता है। इसमें टरबाइन ज्वारीय ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करता है। सागर के संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध निर्मित करने के लिए उचित स्थितियाँ आसानी से प्राप्त नहीं होतीं।
तरंग ऊर्जा: तेज़ तरंगों को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करके विद्युत् ऊर्जा का उत्पादन किआ जाता है।
तरंग ऊर्जा का उपयोग वहीँ संभव है जहाँ तरंगें अति प्रबल हों। विश्वभर में कुछ ही सागरीय तट हैं जहाँ तेज गति के साथ तरंगें तटों से टकराती हैं।
सागरीय तापीय ऊर्जा: सागरीय तापीय ऊर्जा को विद्युत् ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए सागर के सतह और इसके 1000 मीटर की गहराई के बीच 20 डिग्री का अंतर होना चाहिए। यह विधि किफ़ायती नहीं।



