चित्र विरुपाक्ष मन्दिर के एक अन्य स्तंभ का रेखाचित्र है। क्या आप कोई पुष्प-विषयक रूपांकन देखते हैं? किन जानवरों को दिखाया गया है? आपके विचार में उन्हें क्यों चित्रित किया गया है? मानव आकृतियों का वर्णन कीजिए।
चित्र: विरुपाक्ष मंदिर का स्तंभ
विरुपाक्ष मन्दिर के इस स्तम्भ को ध्यानपूर्वक देखने से पता लगता है कि इस स्तम्भ में विभिन्न प्रकार के फूलदार पौधों तथा पशु-पक्षियों का चित्रण किया गया है। इसमें मोर, घोड़ा बतख जैसे पक्षियों और पशुओं की आकृतियाँ स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं। इन्हें संभवत: प्रवेश द्वार को आकर्षक बनाने तथा लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए चित्रित किया गया हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न पशु-पक्षी, देवी-देवताओं के साथ वाहन के रूप में भी जुड़े हुए थे। इसलिए उन्हें भी पूजा का पात्र माना जाता था।
मानव आकृतियों में देवी-देवता तथा श्रद्धालु दोनों ही शालिम किए गए हैं। एक देवता को सिर पर घंटी, ताज तथा गले में मालाएँ पहने दिखाया गया हैं। इन्होंने अपने हाथ में गदा धारण की हुई हैं। ऐसा प्रतीत होता हैं की वह दुष्टों के संहारक हैं।एक अन्य चित्रण में एक श्रृद्धालु को शिवलिंग के सम्मुख विशेष नृत्य करते हुए दिखाया गया हैं। उसकी पूजा की विधि विचित्र हैं। यह किसी भी रूप में मान्य नहीं है।