राजा के मरने के बाद लुट्टन के साथ क्या व्यवहार किया गया?
बूढ़े राजा स्वर्ग सिधार गए। नए राजकुमार ने विलायत से आते ही राज्य को अपने हाथ में ले लिया। राजा साहब के समय शिथिलता आ गई थी, राजकुमार के आते ही दूर हो गई। बहुत से परिवर्तन हुए। उन्हीं परिवर्तनों की चपेटाघात में पहलवान भी पड़ा। दंगल का स्थान घोड़े की रेस ने ले लिया।
पहलवान तथा दोनों भावी पहलवानों का दैनिक भोजन-व्यय सुनते ही राजकुमार ने कहा-”टैरिबुल!”
नए मैनेजर साहब ने कहा-”हैरिबुल”।
लुट्टन पहलवान को साफ जवाब मिल गया, राज-दरबार में उसकी आवश्यकता नहीं। उसको गिड़गिड़ाने का भी मौका नहीं दिया गया।