‘छोटा मेरा खेत’ कविता में छोटे चौकोने खेत को ‘कागज का पन्ना’ क्यों कहा गया है?
कवि छोटे चौकोने खेत को कागज का पन्ना कहता है। कवि यह बताना चाहता है कि कवि कर्म भी खेती की तरह होता है। कविता सृजन भी खेती की तरह श्रमसाध्य कार्य है। छोटे चौकोना खेत को कागज का पन्ना कहने में यह अर्थ निहित है-दोनों में आकार की समानता के साथ बुवाई, अंकुरण, विकसित दशा में भी समानता है। जिस प्रकार खेत में बीजारोपण होता है, फिर अंकुरण होता है, पौधा विकसित होता है, उस पर पल्लव फूल लगते हैं, उसी प्रकार कवि कागज पर रचना को शब्द में उतारता है। कवि के मन में विचार का बीजारोपण होता है फिर कल्पना के सहारे वह एक रूप ग्रहण करता है और विकसित होकर पूरी रचना का रूप ले लेता है।