निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
कजरारे बादलों की छाई नभ छाया,
तैरती साँझ की सतेज श्वेत काया।
1. प्रकृति-सौदर्य स्पष्ट कीजिए।
2. शिल्प-सौदंर्य स्पष्ट करें।
1. आकाश में तैरते सफेद बगुलों की पंक्ति कवि को कजरारे बादलों के ऊपर तैरती साँझ की श्वेत काया के समान प्रतीत होती है। यह श्वेत छाया सफेद बगुलों की पंक्ति से निर्मित हुई है।
2. शिल्प-सौंदर्य:
- आकाश में तैरते बगुलों का बिंब साकार हो उठा है।
- ‘सतेज श्वेत’ में अनुप्रास अलंकार है।
- सरल भाषा का प्रयोग है।