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फिराक गोरखपुरी

Question
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गोदी के चाँद और गगन के चाँद का रिश्ता।

Solution

गोदी का चाँद नन्हा बालक है और दूसरा चाँद आसमान में चमकने वाला चाँद है। बच्चों को आज भी चाँद प्यारा लगता है। एक चाँद दूसरे चाँद की माँग करता है। दोनों में गहरा रिश्ता है। बालक आसमान के चाँद को खिलौना समझता है और लेने की हठ करता है। माँ चाँद की छाया दर्पण में दिखलाकर उसे बहलाती है। चाँद की परछाईं भी तो चाँद ही है।

Some More Questions From फिराक गोरखपुरी Chapter

कौन, किसे, कहाँ लिए खड़ी है?

माता अपनी संतान को किस प्रकार खिला रही हें?

बच्चा क्या करता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

नहला के छलके-छलके निर्मल जल से

उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके

किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को

जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।

माँ बच्चे के लिए क्या-क्या काम करती है?

बच्चा कब अपनी माँ के मुँह को प्यार से देखता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

दीपावली की शाम घर पुते और सजे

चीनी के खिलौने जगमगाते लावे

वो रूपवती मुखड़े पॅ इक नर्म दमक

बच्चे के घरौंदे में जलाती है दिए

दीपावली पर लोग क्या करते हैं?

दीपावली पर बच्चे माँ से क्या फरमाइश करते हैं?

माँ के चेहरे पर मुस्कराहट क्यों आ जाती है?