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फिराक गोरखपुरी

Question
CBSEENHN12026442

‘किस्मत हमको रो लेवे है हम किस्मत को रो लें हैं’- इस पंक्ति में शायर की किस्मत के साथ तना-तनी का रिश्ता अभिव्यक्त हुआ है। चर्चा कीजिए।

Solution

किस्मत शायर पर रोती है अर्थात् उससे गिला-शिकवा करती है जबकि शायर अपनी किस्मत पर रोता है। उसकी किस्मत ही खराब है। इस प्रकार शायर और किस्मत में तना-तनी चलती रहती है। दोनों का संबंध अटूट जो है। कवि कहता है कि उसका भाग्य भी कभी उसके साथ नहीं रहा। किस्मत सदैव उसके खिलाफ रही। इसलिए वह किस्मत पर भरोसा नहीं करता। जब भी भाग्य की चर्चा होती है तो वह उसके नाम पर रो लेता है।

Some More Questions From फिराक गोरखपुरी Chapter

कवि और कविता का नाम लिखिए।

कौन, किसे, कहाँ लिए खड़ी है?

माता अपनी संतान को किस प्रकार खिला रही हें?

बच्चा क्या करता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

नहला के छलके-छलके निर्मल जल से

उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके

किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को

जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।

माँ बच्चे के लिए क्या-क्या काम करती है?

बच्चा कब अपनी माँ के मुँह को प्यार से देखता है?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

दीपावली की शाम घर पुते और सजे

चीनी के खिलौने जगमगाते लावे

वो रूपवती मुखड़े पॅ इक नर्म दमक

बच्चे के घरौंदे में जलाती है दिए

दीपावली पर लोग क्या करते हैं?

दीपावली पर बच्चे माँ से क्या फरमाइश करते हैं?