विप्लव के बादल की घोर गर्जना का धनी वर्ग पर क्या प्रभाव पड़ रहा है?
विप्लव के बादल की घोर गर्जना सुनकर धनी-वर्ग आतक से काँप उठता है। वे त्रस्त होकर अपना मुँह, अपनी आँखें छिपा लेते हैं। वह समझता है कि क्रांति की अनदेखी करके वह इसके दुष्प्रभाव से बच जाएगा। जिस प्रकार विप्लव के बादलों की घोर गर्जना से पर्वत तक गिर जाते हैं, उसी प्रकार क्रांति के बिगुल से धनिक वर्ग भयभीत हो जाता है। वह इससे बचने का हरसंभव प्रयास करता है।