कवि के लिए सखन-मधुर स्थिति भी असह्य क्यों बन गई है?
कवि के लिए सुखद-मधुर स्थिति इसलिए असह्य बन गई है क्योंकि ‘भवितव्यता’ उसे डराती है। उसके अपने प्रेम में आत्मग्लानि की भावना छिपी हुई है। (संभवत: कवि यह सोचता होगा कि वह प्रेयसी को पत्नी रूप नहीं दे पाएगा।) कवि भविष्य की कल्पना करके भयभीत हो जाता है। वह स्वयं को अपराध ग्रस्त भी पाता है तथा चिंतित रहता है। ऐसी स्थिति में सुखद-मधुर स्थिति भा उसे असह्य हो जाती है।