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गजानन माधव मुक्तिबोध

Question
CBSEENHN12026163

कवि ने सहर्ष क्या स्वीकार किया है?

Solution

कवि ने जिंदगी में जो कुछ भी है, जैसा है उसे उसी रूप में स्वीकार कर लिया है।

Some More Questions From गजानन माधव मुक्तिबोध Chapter

कवि ने सहर्ष क्या स्वीकार किया है?

कवि ने इसे क्यों स्वीकार कर लिया है?

यह कविता क्या प्रेरणा देती है?

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें

गरबीली गरीबी यह, ये गंभीर अनुभव सब

यह विचार-वैभव सब

दृढ़ता यह, भीतर की सरिता यह अभिनय सब

मौलिक है, मौलिक है,

इसलिए कि पल-पल में

जो कुछ भी जागृत है, अपलक है-

संवेदन तुम्हारा है!!

कवि किस-किसको मौलिक मानता है और क्यों?

इन पर किसकी संवेदना का प्रभाव है?

इस कविता पर किस बाद का प्रभाव झलकता है?

प्रस्तुत पक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें

जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है

जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है

दिल में क्या झरना है?

मीठे पानी का सोता है

भीतर वह, ऊपर तुम

मुस्काता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर

मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है।

कवि अपने दिल की तुलना किससे करता है और क्यों?

ऊपर कौन है?