कवि किस-किसको मौलिक मानता है और क्यों?
कवि अपनी स्वाभिमान युक्त गरीबी, जीवन गंभीर अनुभवों, वैचारिक चिंतन, व्यक्तित्व की दृढ़ता और अंत:करण की भावनाओं को मौलिक मानता है। ये सभी उसके भीगे हुए यथार्थ के प्रतिफल हैं। इन पर किसी की छाया नहीं हैं अत: ये मौलिक हैं।