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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Question
CBSEENHN12026299

हर प्रकार से सुरक्षित और संपन्न होते हुए भी शोषक वर्ग विप्लव की संभावना से भयभीत क्यों है?

Solution

शोषक वर्ग सुरक्षित और संपन्न होते हुए भी विप्लव की संभावना से बुरी तरह भयभीत हो उठता है। इसका कारण यह है कि वे इस बात को भली-भाँति जानते हैं कि वे निर्धन वर्ग पर अत्याचार कर रहे हैं। इस वर्ग की क्रांति सफल हो गई तो वे कहो के न रहेंगे। क्रांति पूंजीपतियों का विनाश कर देगी। उनके ऊँचे-ऊँचे महल मिट्टी में मिल जाएँगे। इस सत्य का अहसास होते ही वे काँप उठते हैं। यहाँ तक कि प्रिया की भुजाओं में रहते हुए भी स्वयं को भयभीत पाते हैं।

Some More Questions From सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Chapter

कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

हँसते हैं छोटे पौधे लधु भार-

शस्य अपार,

हिल-हिल,

खिल-खिल

हाथ हिलाते,

तुझे बुलाते,

तुझे बुलाते,

विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.




 

क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?

छोटे पौधे किनके प्रतीक हैं?

वे किस, किस प्रकार बुलाते हैं?

‘विप्लव रव’ किससे शोभा पाते है और क्यों?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

अट्टालिका का नहीं है रे
आतंक-भवन

सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-प्लावन,

क्षुद्र फुल्ल जलज से सदा छलकता नीर,

रोग-शोक में भी हँसता है

शैशव का सुकुमार शरीर।

कवि किन्हें आतंक भवन कहता है और क्यों?

‘जल विप्लव प्लावन’ से कवि का क्या निहितार्थ है?