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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Question
CBSEENHN12026291

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर दीजिए:
बार-बार गर्जन
वर्षण है मूसलाधार
हृदय थाम लेता संसार
सुन-सुन घोर वज्र हुंकार।

1. कवि किसे क्रांति का प्रतीक मानता है और क्यों?
2. मूसलाधार वर्षा क्या व्यंजित करती है?
3. भाषागत सौदंर्य स्पष्ट कीजिए।



Solution

1. इस काव्यांश में कवि बादल को क्रांति का प्रतीक मानता है। बादलों की गर्जना तथा वर्षण में क्रांति के आगमन का पता चलता है।
2. मूसलाधार वर्षा का होना क्रांति की तीव्रता को व्यंजित करता है। क्रांति के प्रभाव को संसार हृदय थामकर ग्रहण करता है।
3. शुद्ध खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
   हृदय थाम लेना’ मुहावरे का सटीक प्रयोग है।
   फिर-फिर’, सुन-सुन’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
   ओज गुण का समावेश है।
   तत्सम शब्दावली का प्रयोग है।

Some More Questions From सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Chapter

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

तिरती है समीर-सागर पर
अस्थिर सुख पर दुःख की छाया-

जग के दग्ध हृदय पर

निर्दय विप्लव की प्लावित माया-

यह तेरी रण-तरी,

भरी आकांक्षाओं से,

धन, भेरी-गर्जन से सजग, सुप्त अंकुर

उर में पृथ्वी के, आशाओं से,

नवजीवन की, ऊँचा कर सिर,

ताक रहे हैं, ऐ विप्लव के बादल!

फिर फिर!

इस कविता में किसे संबोधित किया गया है?

कवि ने दुख की छाया की तुलना किससे की है और क्यों?

कवि ने बादल का ही आह्वान क्यों किया है?

क्रांति की गर्जना का क्या प्रभाव पड़ता है।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें
बार-बार गर्जन,

वर्षण है मूसलाधार

हृदय थाम लेता संसार

सुन-सुन घोर वज्र-हुंकार।

अशनि-पात से शायित उन्नत शत-शत-वीर,

क्षत-विक्षत-हत अचल-शरीर,

गगन-स्पर्शी स्पर्धा-धीर।

कवि ने बादलों का आहान क्यों किया है?

बादलों की गर्जना का संसार पर क्या प्रभाव पड़ता है?

कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।