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सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’

Question
CBSEENHN12026279

बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले किन-किन परिवर्तनों को कविता रेखांकित करती है?

Solution

बादलों के आगमन से प्रकृति में होने वाले निम्नलिखित परिवर्तनों को यह कविता रेखांकित करती है-

- बादलों की गर्जना होने लगती है।

- पृथ्वी में से पौधों का अंकुरण होने लगता है।

- मूसलाधार वर्षा होने लगती है।

- बिजली चमकती है तथा गिर भी जाती है।

- छोटे-छोटे पौधे हवा चलने के कारण हाथ हिलाते जान पड़ते हैं।

- कमल का फूल खिलता है तथा उससे जल की बूँदें टपकती हैं।

Some More Questions From सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ Chapter

कवि ने बादलों की क्या-क्या विशेषताएँ बताई हैं?

‘गगन स्पर्शी, स्पर्धावीर’ का आशय स्पष्ट करो।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

हँसते हैं छोटे पौधे लधु भार-

शस्य अपार,

हिल-हिल,

खिल-खिल

हाथ हिलाते,

तुझे बुलाते,

तुझे बुलाते,

विप्लव-रव से छोटे ही हैं शोभा पाते।.




 

क्रांति की गर्जना पर कौन हंसते हैं?

छोटे पौधे किनके प्रतीक हैं?

वे किस, किस प्रकार बुलाते हैं?

‘विप्लव रव’ किससे शोभा पाते है और क्यों?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

अट्टालिका का नहीं है रे
आतंक-भवन

सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-प्लावन,

क्षुद्र फुल्ल जलज से सदा छलकता नीर,

रोग-शोक में भी हँसता है

शैशव का सुकुमार शरीर।

कवि किन्हें आतंक भवन कहता है और क्यों?

‘जल विप्लव प्लावन’ से कवि का क्या निहितार्थ है?