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मधुर – मधुर मेरे दीपक जल

Question
CBSEENHN10002417

क्या मीराबाई और आधुनिक मीरा 'महादेवी वर्मा' इन दोनों ने अपने-अपने आराध्य देव से मिलने के लिए जो युक्तियाँ अपनाई हैं, उनमें आपको कुछ समानता या अतंर प्रतीत होता है? अपने विचार प्रकट कीजिए?

Solution

(1) महादेवी अपने आराध्य को निर्गुण मानती हैं और मीरा उनकी सगुण उपासक हैं। महादेवी वर्मा ने ईश्वर को निराकार ब्रह्म माना है। वे उसे प्रियतम मानती हैं। सर्वस्व समर्पण की चाह भी की है लेकिन उसके स्वरुप की चर्चा नहीं की।
(2) मीराबाई श्री कृष्ण को आराध्य, प्रियतम मानती हैं और उनकी सेविका बनकर रहना चाहती हैं। उनके स्वरुप और सौंदर्य की रचना भी की है।
(3) मीराबाई ने सहज एवं सरल भावों को जनभाषा के माध्यम से प्रस्तुत किया है जबकि महादेवी ने विभिन्न प्रकार के बिंबों का प्रयोग किया है।

Some More Questions From मधुर – मधुर मेरे दीपक जल Chapter

मधुर-मधुरपुलक-पुलकसिहर-सिहर और विहँस-विहँस', कवियत्री ने दीपक को हर बार अलग-अलग तरह से जलने को क्यों कहा हैं? स्पष्ट कीजिए 

नीचे दी गई काव्य-पंक्तियों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए −
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल!
विहँस विहँस मेरे दीपक जल!

'स्नेहहीन दीपक' से क्या तात्पर्य है?

नीचे दी गई काव्य-पंक्तियों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए −
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल!
विहँस विहँस मेरे दीपक जल!

सागर को जलमय कहने का क्या अभिप्राय है और उसका हृदय क्यों जलता है?

नीचे दी गई काव्य-पंक्तियों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए −
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल!
विहँस विहँस मेरे दीपक जल!

बादलों की क्या विशेषता बताई गई है?

 

नीचे दी गई काव्य-पंक्तियों को पढ़िए और प्रश्नों के उत्तर दीजिए −
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल!
विहँस विहँस मेरे दीपक जल!

कवयित्री दीपक को विहँस विहँस जलने के लिए क्यों कह रही हैं?

 

क्या मीराबाई और आधुनिक मीरा 'महादेवी वर्मा' इन दोनों ने अपने-अपने आराध्य देव से मिलने के लिए जो युक्तियाँ अपनाई हैं, उनमें आपको कुछ समानता या अतंर प्रतीत होता है? अपने विचार प्रकट कीजिए?

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
दे प्रकाश का सिंधु अपरिमित,
तेरे जीवन का अणु गल गल!

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल,
प्रियतम का पथ आलोकित कर!

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-
मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन!

इस कविता में जब एक शब्द बार-बार आता है और वह योजक चिन्ह द्वारा जुड़ा होता है, तो वहाँ पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार होता है; जैसे - पुलक-पुलक। इसी प्रकार के कुछ और शब्द खोजिए जिनमें यह अलंकार हो।