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पर्वत प्रदेश में पावस

Question
CBSEENHN10002402

 इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

Solution

प्रस्तुत कविता में जगह-जगह पर मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करके प्रकृति में जान डाल दी गई है जिससे प्रकृति सजीव प्रतीत हो रही है; जैसे − पर्वत पर उगे फूल को आँखों के द्वारा मानवकृत कर उसे सजीव प्राणी की तरह प्रस्तुत किया गया है।
'उच्चाकांक्षाओं से तरूवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर'
इन पंक्तियों में तरूवर के झाँकने में मानवीकरण अलंकार है, मानो कोई व्यक्ति झाँक रहा हो।

Some More Questions From पर्वत प्रदेश में पावस Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
'सहस्र दृग-सुमन' से क्या तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की और क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-   
 है टूट पड़ा भू पर अंबर।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-   
यों जलद-यान में विचर-विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-
गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

 इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

आपकी दृष्टि में इस कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर करता है −
(क) अनेकशब्दों की आवृति पर
(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर
(ग) कविता की संगीतात्मकता पर