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पर्वत प्रदेश में पावस

Question
CBSEENHN10002392

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए?

Solution

पर्वतीय प्रदेश में जब मूसलाधार वर्षा होने लगती है तब पर्वतों पर उगनेवाले शाल के वृक्ष दिखाई देने बंद हो जाते हैं। तब ऐसा लगता है जैसे वे घबराकर धरा में छुप गए हैं मानवीकरण अलंकार का अद्धभुत प्रयोग इस पंक्ति में दिखाई देता है।पावस ऋतु में आकाश में बादल छा जाते है। कभी वर्षा होने लगती है तो कभी आसमान में बादल अदृशय हो जाते हैं।बादल अटखेलियां करते दिखाई देते हैं। वर्षा के कारण पर्वतीय प्रदेशों के झरने झर-झर बहने लगते हैं तथा वातावरण में संगीत उत्पन्न करते हैं। समतल भूमि पर जल एकत्रित हो जाता हैं। हवा के चलने के कारण वृक्ष भी झूमने लगते हैं। पूरी प्रकृति नृत्य करती सी प्रतीत होती हैं।      

Some More Questions From पर्वत प्रदेश में पावस Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
'सहस्र दृग-सुमन' से क्या तात्पर्य है? कवि ने इस पद का प्रयोग किसके लिए किया होगा?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की और क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-   
 है टूट पड़ा भू पर अंबर।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-   
यों जलद-यान में विचर-विचर
था इंद्र खेलता इंद्रजाल।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-
गिरिवर के उर से उठ-उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

 इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है? स्पष्ट कीजिए।

आपकी दृष्टि में इस कविता का सौंदर्य इनमें से किस पर निर्भर करता है −
(क) अनेकशब्दों की आवृति पर
(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर
(ग) कविता की संगीतात्मकता पर