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रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत

Question
CBSEENHN10002279

बालगोबिन भगत की पहचान लिखिए।

Solution
बालगोबिन भगत मंझले कद का व्यक्ति था। उनका रंग गोरा था। उनकी उम्र साठ वर्ष की थी। बाल पक गए थे। वे दाढ़ी या जटा नहीं रखते थे। उनका चेहरा सदा सफेद बालों में चमकता रहता था। वे शरीर पर उतने ही कपड़े पहनते थे जितने शरीर को ढकने के लिए आवश्यक थे। कमर में एक लंगोटी बांधते थे और सिर कबीर पंथी कनफटी टोपी पहनते थे। सर्दियों में एक काली कंबली ओढ़ते थे। माथे पर रामानंदी चंदन का टीका होता था जिसे वह नाक से शुरू करके ऊपर तक लगाते थे। गले में तुलसी की जड़ों की माला पहनते थे। उनके साधारण पहनावे में भी लोगों को आकर्षित करने की शक्ति थी।

Some More Questions From रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत Chapter

पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है?

आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?

गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता है?

“ऊपर की तस्वीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।” क्या साधु की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति ‘साधु’ है?

मोह और प्रेम में अंतर होता है। भगत के जीवन की किस घटना के आधार पर आप इस कथन को सच सिद्ध करेंगे?

इस पाठ में आए कोई दस क्रियाविशेषण छाँटकर लिखिए और उनके भेद भी बताइए। 

पाठ में ऋतुओं के बहुत ही सुंदर शब्द-चित्र उकेरे गए हैं। बदलते हुए मौसम को दर्शाते हुए चित्र/फोटो का संग्रह कर एक अलबम तैयार करें।

पाठ में आषाढ़, भादों, माघ आदि में विक्रम संवत कलैंडर के मासों के नाम आए हैं। यह कलैंडर किस माह से आरंभ होता है? महीनों की सूची तैयार करें।

कार्तिक के आते ही भगत ‘प्रभाती’ गाया करते थे। प्रभाती प्रात:काल गाए जाने वाले गीतों को कहते हैं। प्रभाती गायन का संकलन करें व संगीतमय प्रस्तुति कीजिये 

इस पाठ में जो ग्राम्य संस्कृति की झलक मिलती है वह आपके आसपास के वातावरण से कैसे भिन्न है?