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तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
परशुराम को भगवान् शिव ने वह धनुष संभाल कर रखने के लिए दिया था जिसे सीता स्वयंवर के समय राम ने भंग कर दिया था। इससे परशुराम ने अपना और भगवान् शिव का अपमान मानकर राजसभा में क्षत्रियों को बुरा-भला बोला था। लक्ष्मण ने क्रोध भरी और व्यंग्यात्मक बातों से इसका विरोध किया था जिस कारण परशुराम ने लक्ष्मण को गुरुद्रोही कहा था।
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