Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
तुम्ह तौ कालु हॉक जनु लावा। बार बार मोहि लागि बोलावा।
सुनत लखन के बचन कठोरा। परसु सुधारि धरेउ कर घोरा।।
अब जनि देइ दोसु मोहि लोगु। कटुबादी बालकु बधजोगू ।।
बाल बिलोकि बहुत मैं बाँचा। अब येहु मरनिहार भा साँचा।।
कौसिक कहा छमिअ अपराधू। बाल दोष गुन गनहिं न साधू।।
खर कुठार मैं अकरुन कोही। आगे अपराधी गुरुद्रोही।।
उतर देत छोड़ौ बिनु मारे। केवल कौसिक सील तुम्हारे।।
न त येहि काटि कुठार कठोरें। गुरहि उरिन होतेउँ श्रम थोरें।।
गाधिसू कह हृदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ।
अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ।।
परशुराम ने लक्ष्मण को गुरु द्रोही क्यों कहा था?
Solution
परशुराम को भगवान् शिव ने वह धनुष संभाल कर रखने के लिए दिया था जिसे सीता स्वयंवर के समय राम ने भंग कर दिया था। इससे परशुराम ने अपना और भगवान् शिव का अपमान मानकर राजसभा में क्षत्रियों को बुरा-भला बोला था। लक्ष्मण ने क्रोध भरी और व्यंग्यात्मक बातों से इसका विरोध किया था जिस कारण परशुराम ने लक्ष्मण को गुरुद्रोही कहा था।