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तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद

Question
CBSEENHN10002150

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
कहेउ लखन मुनि सीलु तुम्हारा। को नहि जान बिदित संसारा।।
माता पितहि उरिन भय नीकें। गुर रिनु रहा सोचु बड़ जी कें।।
सो जनु हमरेहि माथे काढ़ा। दिन चलि गये ब्याज बड़ बाढां।।
अब आनिअ ब्यवहरिआ बोली। तुरत देऊँ मैं थैली खोली।।
सुनि कटु बचन कुठार सुधारा। हाय हाय सब सभा पुकारा।।
भृगुबर परसु देखाबहु मोही। बिप्र विचारि बचौं नृपद्रोही।।
मिले ने कबहूँ सुभट रन गाढ़े। द्विजदेवता घरहि के बाढ़े।।
अनुचित कहि सबु लोगु पुकारे। रघुपति सयनहि लखनु नेवारे।।
        लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोप कृसानु।
        बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु।।

इस अवतरण के आधार पर लक्ष्मण के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।

Solution
लक्ष्मण उग्र, क्रोधी और व्यंग्य करने वाले व्यक्तित्व के स्वामी थे। वे बोलते समय विवेकपूर्ण व्यवहार नहीं करते थे।

Some More Questions From तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद Chapter

परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने धनुष के टूट जाने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? 

परशुराम के क्रोध करने पर राम और लक्ष्मण की जो प्रतिक्रियाएँ हुई उनके आधार पर दोनों के स्वभाव की विशेषताएं अपने शब्दों में लिखिए।

लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।

परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्‌यांश के आधार पर लिखिए-
बाल ब्रह्‌मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही।।
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा।।
      मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
      गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर।।

लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?

साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखें।

भाव स्पष्ट कीजिये- 
बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू।।

भाव स्पष्ट कीजिये- 
इहाँ कुम्हड़बतिआ कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं।।
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।

भाव स्पष्ट कीजिये-
गाधिसू नु कह ह्रदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ   
अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ ।

पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।