तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद

Question
CBSEENHN10002022

अपने किसी परिचित या मित्र के स्वभाव की विशेषताएँ लिखिए।

Solution

मेरे एक मित्र हैं- डॉ० सिंगला। उनका नर्सिंग होम मेरे घर से कुछ ही दूरी पर है। उनका घर भी नर्सिंग होम का ही एक हिस्सा है जो उनके रोगियों के लिए बहुत उपयुक्त है। दिन-रात किसी भी आपातकाल में वे उनके पास मिनट में पहुँच सकते हैं। मेरे मित्र बहुत साफ-सुथरे रहते हैं। साफ-सफाई तो उनके हर काम में दिखाई देती है। चमचमाते फर्श, साफ-सुथरी दीवारें, चुस्त कर्मचारी उनके नर्सिंग होम की पहचान है जिसमें डॉ० सिंगला के स्वभाव की पहचान साफ झलकती है। वे मृदुभाषी हैं। उनके रोगियों का आधा रोग तो उनसे बातचीत कर के ही दूर हो जाता है। उन्हें पेड़-पौधों का अच्छा शौंक है। रंग-बिरंगे फूल, झाड़ियाँ और बेलें उनके घर में महकती रहती है। अपने व्यस्त समय में से भी वे कुछ घड़ियां इनके लिए निकाल लेते हैं। वे बहुत मिलन सार हैं। नगर के बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जो उन्हें जानते-पहचानते न हों। वे अनेक सामाजिक संस्थाओं से जुड़ कर समाज सेवा के कार्यो में सहयोग देते रहते हैं। वे सदा सभी के सुख-दुःख में सहायता करने के लिए तैयार रहते हैं। उनका व्यक्तित्व उन्हें जानने-पहचानने वाले सभी लोगों को एक उत्साह-सा प्रदान करता है।

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लक्ष्मण और परशुराम के संवाद का जो अंश आपको सबसे अच्छा लगा उसे अपने शब्दों में संवाद शैली में लिखिए।

परशुराम ने अपने विषय में सभा में क्या-क्या कहा, निम्न पद्‌यांश के आधार पर लिखिए-
बाल ब्रह्‌मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही।।
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा। परसु बिलोकु महीपकुमारा।।
      मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
      गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु मोर अति घोर।।

लक्ष्मण ने वीर योद्धा की क्या-क्या विशेषताएँ बताई?

साहस और शक्ति के साथ विनम्रता हो तो बेहतर है। इस कथन पर अपने विचार लिखें।

भाव स्पष्ट कीजिये- 
बिहसि लखनु बोले मृदु बानी। अहो मुनीसु महाभट मानी।।
पुनि पुनि मोहि देखाव कुठारु। चहत उड़ावन फूँकि पहारू।।

भाव स्पष्ट कीजिये- 
इहाँ कुम्हड़बतिआ कोउ नाहीं। जे तरजनी देखि मरि जाहीं।।
देखि कुठारु सरासन बाना। मैं कछु कहा सहित अभिमाना।।

भाव स्पष्ट कीजिये-
गाधिसू नु कह ह्रदय हसि मुनिहि हरियरे सूझ   
अयमय खाँड़ न ऊखमय अजहुँ न बूझ अबूझ ।

पाठ के आधार पर तुलसी के भाषा सौंदर्य पर दस पंक्तियाँ लिखिए।

इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।

निम्नलिखित पंक्तियों में प्रयुक्त अलंकार पहचान कर लिखिए-
बालकु बोलि बधौं नहि तोही।