Question
संकलित अंश में राम का व्यबहार विनयपूर्ण और संयत है; लक्ष्मण लगातार व्यंग्य बाणों का उपयोग करते हैं और परशुराम का व्यवहार क्रोध से भरा हुआ है। आप अपने आप को इस परिस्थिति में रखकर लिखें कि आपका व्यबहार कैसा होता ।
Solution
यदि मैं कभी ऐसी परिस्थिति में पड़ गया तो मैं यथासंभव श्री राम के समान विनयपूर्वक और संयत व्यवहार को प्रकट करूंगा क्योंकि परशुराम के समान प्रकट किए जाने वाले क्रोध से तो सामने वाले के हृदय में भी क्रोध का भाव ही भरेगा जिससे क्लेश-भाव बढ़ेगा। इससे समस्या बढ़ जाएगी। लक्ष्मण के समान लगातार व्यंग्य बाणों का उपयोग भी सामने वाले व्यक्ति को उकसायेगा जिससे उसका गुस्सा बढ़ेगा जो अंतत: झगड़े में बदल जाएगा। विनय का भाव और संयत व्यवहार किसी क्रोधी व्यक्ति के क्रोध को भी शाँत कर देने की क्षमता रखता है।