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तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
लक्ष्मण ने परशुराम के द्वारा अभिमानपूर्वक कहे शब्दों पर व्यंग्य किया था और उन्हें बता दिया था कि उन के वंश में ब्राहमणों पर शस्त्र नहीं उठाया जाता, चाहे वे बुरा व्यवहार भी क्यों न करें।
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