Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
लखन कहा हसि हमरे जाना। सुनहु देव सब धनुष समाना।।
का छति लाभु जून धनु तोरें। देखा राम नयन के भोरें।।
छुअत टूट रघुंतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू।।
बोले चितै परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा।।
बालकु बोलि बधौं नहि तोही। केवल मुनि जड़ जानहि मोही।।
बाल ब्रह्मचारी अति कोही। बिस्वबिदित क्षत्रियकुल द्रोही।।
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही। बिपुल बार महिदेवन्ह दीन्ही।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा।। परसु बिलोकु महीपकुमारा।।
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीपकिसोर।
गर्भन्ह के अर्भक दलन परसु र अति घोर।।
प्रयुक्त अलंकारों को छाँट कर लिखिए।
Solution
अनुप्रास-
• हसि, हमरे, नहि तोही, जानहि मोही . जून धनु, मुनि बिनु
• काज करिअ कत
• सठ सुनेहि सुभाउ
• बालकु बोलि बधौं, बाल ब्रह्मचारी, बिस्वबिदित, बिपुल बार।
• जड़ जानहि
• भुजबल भूमि भूप
अतिशयोक्ति-
• छुअत टूट।