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नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान

Question
CBSEENHN10001777

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात....
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात
परस पाकर तुम्हारा ही प्राण,
पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल
बांस था कि बबूल?
तुम मुझे पाए नहीं पहचान?
देखते ही रहोगे अनिमेष!
थक गए हो?
आंख लूं मैं फेर?
क्या हुआ यदि हो सके परिचित न पहली बार?

काव्य-रस का नाम लिखिए।

Solution
वात्सल्य रस है।

Some More Questions From नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान Chapter

आप जब भी किसी बच्चे से पहली बार मिलें तो उसके हाव-भाव, व्यवहार आदि को सूक्ष्मता से देखिए और उस अनुभव को कविता या अनुच्छेद के रूप में लिखिए।

कवि के अनुसार फसल क्या है?

कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। बे आवश्यक तत्त्व कौन-कौन से हैं?

फसल को ‘हाथों से स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर क्या व्यक्त करना चाहता है?

भाव स्पष्ट कीजिए-
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!

कवि ने फसल को हजार-हजार खेतों की मिट्‌टी का गुण-धर्म कहा है-
मिट्‌टी के गुण-धर्म को आप किस तरह परिभाषित करेंगे?

कवि ने फसल को हजार-हजार खेतों की मिट्‌टी का गुण-धर्म कहा है-
वर्तमान जीवन शैली मिट्‌टी के गुण-धर्म को किस-किस तरह प्रभावित करती है?

मिट्‌टी द्वारा अपना गुण-धर्म छोड़ने की स्थिति में क्या किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना की जा सकती है?

मिट्‌टी के गुण-धर्म को पोषित करने में हमारी क्या भूमिका हो सकती है? 

इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यमों द्वारा आपने किसानों की स्थिति के बारे में बहुत कुछ सुना, देखा और पड़ा। एक सुदृढ़ कृषि-व्यवस्था के लिए आप अपने सुझाव देते हुए अखबार के संपादक को पत्र लिखिए।