Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो -
बाद, गरजो!
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के धन!
तप्त धरा, जल से फिर
शीतल कर दो -
बादल, गरजो!
अलंकारों का निरुपण कीजिए।
Solution
अनुप्रास-
• ‘घेर घेर घोर गगन’ में।
• ‘ललित ललित, काले घुँघराले’,
‘बाल कल्पना के-से पाले’।
• ‘कवि, नवजीवन वाले’।
• ‘फिर भर दो’।
मानवीकरण:
बादल गरजो!
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
पुनरुक्ति प्रकाश- घेर-घेर, ललित ललित, विकल-विकला।
उपमा - बाल कल्पना के-से पाले।