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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - उत्साह

Question
CBSEENHN10001708

निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा,   नूतन कविता
     फिर भर दो - 
     बाद, गरजो!
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के धन!
तप्त धरा, जल से फिर
   शीतल कर दो -
   बादल, गरजो!

अलंकारों का निरुपण कीजिए।


Solution

अनुप्रास-
• ‘घेर घेर घोर गगन’ में।
• ‘ललित ललित, काले घुँघराले’,
   ‘बाल कल्पना के-से पाले’।
• ‘कवि, नवजीवन वाले’।
• ‘फिर भर दो’।

मानवीकरण:
बादल गरजो!
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
पुनरुक्ति प्रकाश- घेर-घेर, ललित ललित, विकल-विकला।
उपमा - बाल कल्पना के-से पाले।

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फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है?

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फागुन में गाए जाने वाले गीत जैसे होरी, फाग आदि गीतों को जानिए।

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निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर उसकी सप्रसंग व्याख्या कीजिये:
बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा,   नूतन कविता
     फिर भर दो - 
     बाद, गरजो!
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के धन!
तप्त धरा, जल से फिर
   शीतल कर दो -
   बादल, गरजो !



निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा,   नूतन कविता
     फिर भर दो - 
     बाद, गरजो!
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के धन!
तप्त धरा, जल से फिर
   शीतल कर दो -
   बादल, गरजो !

कविता में निहित भावार्थ स्पष्ट कीजिए?



निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
बादल, गरजो! -
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
विद्युत्-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले!
वज्र छिपा,   नूतन कविता
     फिर भर दो - 
     बाद, गरजो!
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के धन!
तप्त धरा, जल से फिर
   शीतल कर दो -
   बादल, गरजो!

कवि ने किसका आहवान किया है और क्यों?