Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये
मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
अलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।
जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।
सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की?
अवतरण में निहित भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
Solution
कवि को जीवन में किसी से प्रेम हुआ था पर उसे अपने प्रेम की प्राप्ति नहीं हुई थी। कवि को ऐसा लगता था कि उसके प्रिय की अपार सुंदरता ही उसके जीवन की प्रेरणा थी और उसके स्मृति रूपी सहारे से वह अपने जीवन की थकान को कुछ कम कर सकने में सफल हुआ था। कवि के जीवन से परिचित होने की इच्छा रखने वालों को उसके प्रेम के विषय में जानने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए क्योंकि वह विषय उसका पूर्णरूप से वैयक्तिक था।