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पानी और धूप

Question
CBSEENHN7000531

नीचे कविता में से कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। कविता की अगली पंक्तियाँ स्वयं बनाओ। ध्यान रखो, कविता में से देखकर नहीं लिखना।

(क) तब माँ कोई कर न सकेगा

(ख) बिजली के आँगन में अम्माँ

(ग) किसने फोड़ घड़े बादल के

Solution

(क) तब माँ कोई कर न सकेगा

और किसी पर अन्याय।

(ख) बिजली के आँगन में अम्माँ

क्यों खेल रही हैं, ये बालाएँ?

(ग) किसने फोड़ घड़े बादल के

बिखेर दिया है, जल सारा।

 

Some More Questions From पानी और धूप Chapter

कहाँ से, किसने, क्यों, क्या, किसके, किसको

(क) सूरज ने …………….. बंद कर दिया अपने घर का दरवाज़ा।

(ख) बादल है …………….. काका।

(ग) बरसने लगा …………….. यह पानी।

(घ) …………… फोड़ घड़े बादल के की है इतनी शैतानी।

(ङ) ……………डाँट रहे हैं ……………. कहना नहीं सुना माँ का।

(क) सूरज ने अपने घर का दरवाज़ा बंद कर लिया।

(ख) काका किसी को ज़ोर-ज़ोर से डाँट रहे हैं।

(ग) आँगन में तलवार चल रही है।

(क) किन पंक्तियों से पता चलता है कि कविता में माँ-बेटी या माँ-बेटे के बीच बातचीत हो रही है?

(ख) यह कविता आज़ादी मिलने से पहले के समय में लिखी गई थी। उस समय हमारे देश पर अंग्रेज़ों का राज था। किन पंक्तियों से पता चलता है कि लड़का/लड़की के काका स्वतंत्रता सेनानी थे?

(क) कुछ ऐसे देशभक्तों के नाम पता करके लिखो जो बचपन से ही आज़ादी की लड़ाई में कूद पड़े थे।

(ख) जब बच्ची अपनी माँ से सब बातें कर रही थी, उस समय का आसमान और मौसम कैसा रहा होगा? अपनी कल्पना से बताओ। (संकेत– धूप, सूरज, बादल, धरती, बिजली, लोगों की परेशानियाँ आदि)

(ग) कविता में आया है कि सूरज की माँ ने उसे घर के भीतर बुला लिया। पता करो कि क्या सूरज की भी माँ होती होगी?

(क) सूरज को उसकी माँ ने क्यों बुला लिया?

(ख) बादल काका ज़ोर-ज़ोर से क्यों डाँट रहे हैं?

(ग) बिजली के बच्चों के वार खाली क्यों जा रहे हैं?

(घ) लड़की बिजली के घर क्यों जाना चाहती है?

(ङ) बिजली के घर में तलवार चलाना कौन सीख रहा है?

“तब माँ कोई कर न सकेगा

अपने ऊपर अत्याचार।”

कविता की इस पंक्ति में किस अत्याचार की बात की जा रही है? वे किस तरह के अत्याचार करते थे?

नीचे कविता में से कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं। कविता की अगली पंक्तियाँ स्वयं बनाओ। ध्यान रखो, कविता में से देखकर नहीं लिखना।

(क) तब माँ कोई कर न सकेगा

(ख) बिजली के आँगन में अम्माँ

(ग) किसने फोड़ घड़े बादल के