जालीघर में रहनेवाले सभी जीव एक-दूसरे के मित्र बन गए थे, पर कुब्जा के साथ ऐसा संभव क्यों नहीं हो पाया?
कुब्जा स्वभाव से ही ईर्ष्यालु प्रवृत्ति की थी। इसके विपरीत जालीघर के सभी पशु-पक्षी मिलनसार स्वभाव के थे। उनमें आपसी प्रेम था। परन्तु स्वभाव से ईर्ष्यालु कुब्जा को ये पंसद ना था। वह सब को हमेशा प्रताड़ित करती थी। उसका मुख्य उद्देश्य सबको नीलकंठ से दूर रखना था। वह नहीं चाहती थी कि नीलकंठ के पास कोई भी आए। इसके लिए उसने सभी पशु-पक्षियों को अपनी चोंच से घायल किया हुआ था। यहाँ तक की उसने राधा को घायल कर उसके अंडों को नष्ट कर दिया। इसके कारण सब उससे दूर रहते थे यहाँ तक की नीलकंठ भी उससे डर के मारे भागने लगा था।