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उपभोक्तावाद की संस्कृति

Question
CBSEENHN9001263

धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है।
इस वाक्य में 'बदल रहा है' क्रिया है। यह क्रिया कैसे हो रही है - धीरे-धीरे। अतः यहाँ धीरे-धीरे क्रिया-विशेषण है। जो शब्द क्रिया कि विशेषता बताते हैं, क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जहाँ वाक्य में हमें पता चलता है क्रिया कैसे, कब, कितनी और कहाँ हो रही है, वहाँ वह शब्द क्रिया-विशेषण कहलाता है।

ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान में रखते हुए क्रिया-विशेषण से युक्त लगभग पाँच वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।

Solution

1. धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है । ('धीरे-धीरे' रीतिवाचक क्रिया-विशेषण)
(सब-कुछ 'परिणामवाचक क्रिया-विशेषण')
2. आपको लुभाने कि जी-तोड़ कोशिश में निरंतर लगी रहती है । ('निरंतर' रीतिवाचक क्रिया-विशेषण)
3. सामंती संस्कृति के तत्व भारत में पहले भी रहे हैं । ('पहले' कालवाचक क्रिया-विशेषण)
4. अमेरिका में आज जो हो रहा है, कल वह भारत में भी आ सकता है। (आज, कल कालवाचक क्रिया-विशेषण)
5. हमारे सामाजिक सरोकारों में कमी आ रही है। (परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण)

Some More Questions From उपभोक्तावाद की संस्कृति Chapter

आशय स्पष्ट कीजिए-
जाने-अनजाने आज के माहौल में आपका चरित्र भी बदल रहा है और आप उत्पाद को समर्पित होते जा रहे हैं।

आशय स्पष्ट कीजिए-
प्रतिष्ठा के अनेक रूप होते हैं, चाहे वे हास्यास्पद ही क्यों न हो। 

कोई वस्तु हमारे लिए उपयोगी हो या न हो, लेकिन टी.वी. पर विज्ञापन देख कर हम उसे खरीदने के लिए अवश्य लालायित होते हैं। क्यों?

आपके अनुसार वस्तुओं को खरीदने का आधार वस्तु की गुणवत्ता होनी चाहिए या उसका विज्ञापन? तर्क देकर स्पष्ट करें।

पाठ के आधार पर आज के उपभोक्तावादी युग में पनप रही 'दिखावे की संस्कृति' पर विचार व्यक्त कीजिए।

आज की उपभोक्ता संस्कृति हमारे रीति -रिवाजों और त्योहारों को किस प्रकार प्रभावित कर रही है ? अपने अनुभव के आधार पर एक अनुच्छेद लिखिए।

धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है।
इस वाक्य में 'बदल रहा है' क्रिया है। यह क्रिया कैसे हो रही है - धीरे-धीरे। अतः यहाँ धीरे-धीरे क्रिया-विशेषण है। जो शब्द क्रिया कि विशेषता बताते हैं, क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जहाँ वाक्य में हमें पता चलता है क्रिया कैसे, कब, कितनी और कहाँ हो रही है, वहाँ वह शब्द क्रिया-विशेषण कहलाता है।

ऊपर दिए गए उदाहरण को ध्यान में रखते हुए क्रिया-विशेषण से युक्त लगभग पाँच वाक्य पाठ में से छाँटकर लिखिए।

धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है।
इस वाक्य में 'बदल रहा है' क्रिया है। यह क्रिया कैसे हो रही है - धीरे-धीरे। अतः यहाँ धीरे-धीरे क्रिया-विशेषण है। जो शब्द क्रिया कि विशेषता बताते हैं, क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जहाँ वाक्य में हमें पता चलता है क्रिया कैसे, कब, कितनी और कहाँ हो रही है, वहाँ वह शब्द क्रिया-विशेषण कहलाता है।

धीरे-धीरे, जोर से, लगातार, हमेशा, आजकल, कम, ज्यादा, यहाँ, उधर, बाहर - इन क्रिया-विशेषण शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए।

धीरे-धीरे सब कुछ बदल रहा है।
इस वाक्य में 'बदल रहा है' क्रिया है। यह क्रिया कैसे हो रही है - धीरे-धीरे। अतः यहाँ धीरे-धीरे क्रिया-विशेषण है। जो शब्द क्रिया कि विशेषता बताते हैं, क्रिया-विशेषण कहलाते हैं। जहाँ वाक्य में हमें पता चलता है क्रिया कैसे, कब, कितनी और कहाँ हो रही है, वहाँ वह शब्द क्रिया-विशेषण कहलाता है।

नीचे दिए गए वाक्यों में से क्रिया-विशेषण और विशेषण शब्द छाँटकर अलग लिखिए-
           वाक्य                                                          क्रिया-विशेषण               विशेषण
(1) कल रातसे निरंतर बारिश हो रही है।
(2) पेड़ पर लगे पके आम देखकर बच्चों के मुँह में पानी आ गया। 
(3) रसोईघर से आती पुलाव की हलकी खुशबू से मुझे ज़ोरों की भूख लग आई।
(4) उतना ही खाओ जितनी भूख है।
(5) विलासिता की  वस्तुओं से आजकल बाज़ार भरा पड़ा है।