महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे / करेंगी?
देश के नागरिक होने के कारण हर व्यक्ति के अपने देश के प्रति कुछ कर्तव्य होते है। अगर मेरे सामने देशहित का प्रश्न आता या किसी विपत्ति को दूर करने का प्रश्न आता तो मैं अपना चाँदी का कटोरा अवश्य दे देता और ऐसा करने में मुझे प्रसन्नता होती। मुझे लगता की में कुछ देश या उसके लोगो के कम आ पाया हूँ। देश प्रेम के आगे किसी भी पुरस्कार का कोई मूल्य नहीं होता है।