Question
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य- लिखिए
बैठा शुक उस घनी डाल पर
जो खोंते पर छाया देती।
पंख फुला नीचे खोंते में
शुकी बैठ अंडे है सेती।
गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर।
किंतु, शुकी के गीत उमड़कर
रह जाते सनेह में सनकर।
गूँज रहा शुक का स्वर वन में,
फूला मग्न शुकी का पर है।
गती, अगीत, कौन सुदंर है ?
Solution
शिल्प सौन्दर्य-
1. कवि मौन भावना के सौन्दर्य को व्यक्त करने में सफल रहा है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग हुआ है।
3. तत्सम प्रधान शब्दावली का प्रयोग किया गया है।
4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
5. भावात्मक व उदाहराणात्मक शैली का प्रयोग किया गया है।
6. भाषा सरल, सरस व प्रवाहमयी है।
7. चित्रात्मक होने के कारण वर्णन सजीव व रोचक बन पड़ा है।
8. अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है।