Question
निम्नलिखित काव्याशं को पढ़कर उसका भाव पक्ष लिखिए:
माँ के भक्त हुए तुम कैसे,
करके यह विचार खोटा?
माँ के सम्मुख ही माँ का तुम
गौरव करते हो छोटा!
कुद न सुना भक्तों ने, झट से
मुझे घेरकर पकड़ लिया;
मार-मारकर मुक्के-घुसे
धम-से नीचे गिरा दिया!
Solution
भाव पक्ष- सुखिया का पिता भक्तों को कहता है कि क्या मेरे पाप तुम्हारी देवी की महानता से भी अधिक बढ़कर है? क्या मेरे मैल में तुम्हारी देवी के गौरव को नष्ट करने की शक्ति है? तुम ऐसा तुच्छ विचार करके भी स्वयं को माता का भक्त कैसे कहला सकते हो? ऐसा विचार प्रकट करके तो तुम माता के सामने ही माता का गौरव छोटा कर रहे हो। पर उस समय उन देवी के भक्तों ने मेरी कोई भी बात नहीं सुनी। उन्होंने मुझे पकड़ लिया। मुक्के और घूसे मार-मारकर नीचे गिरा दिया।