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एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त

Question
CBSEENHN9000882

निम्नलिखित पद्याशं को पढ़कर उसका भाव पक्ष लिखिए - 
सभी ओर दिखलाई दी बस,
अधंकार की ही छाया
छोटी-सी बच्ची को ग्रसने
कितना बड़ा तिमिर आया!
ऊपर विस्तृत महाकाश में
जलते-से अंगारों से,
झुलसी-सी जाती थी आँखें
जगमग जगते तारों से।

Solution
भाव पक्ष-सुखिया का पिता सुखिया की बीमारी के कारण हुई निराशा का वर्णन करता हुआ कहता है कि सुखिया की बीमारी के कारण मेरे मन में ऐसी घोर निराशा छा गई कि मुझे चारों ओर अंधेरे की ही छाया घिरी दिखाई देने लगी। मुझे लगा कि मेरी नन्हीं-सी बेटी को निगलने के लिए इतना बड़ा अंधेरा चला आ रहा छनिक प्रकार खुले आकाश से जलते हुए अंगारों के समान तारे जगमगाते रहते हैं उसी भाँति सुखिया की आँखे ज्वर के कारण जली जाती थी। वह बेहद बीमार थी।

Some More Questions From एक फूल की चाह - सियारामशरण गुप्त Chapter

सुखिया के पिता पर कौन-सा आरोप लगाकर उसे दंडित किया गया?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
जेल से छूटने के बाद सुखिया के पिता ने अपनी बच्ची को किस रूप में पाया?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का केंद्रीय भाव शब्दों में लिखिए।

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता में से कुछ भाषिक प्रतीकों/ बिंबों को. छाँटकर लिखिए-
उदाहरण: अंधकार की छाया
(i) .........................     (ii) ..........................
(iii) ........................      (iv)..........................
(v) .........................

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
अविश्रांत बरसा करके भी
आँखे तनिक नहीं रीती।

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
बुझी पड़ी थी चिता वहाँ पर
छाती धधक उठी मेरी

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
हाय! वही चुपचाप पड़ी थी
अटल शांति-सी धारण कर

निन्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ-सौन्दर्य बताइए-
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी

सुखिया ने अपने पिता से देवी के प्रसाद का एक फूल क्यों माँगा?